भ्रमाण्ड का सबसे महान ग्रंथ
श्रीमद भगवतगीता अंततः यह एहसास करवाती है कि कर्म करो , फल की इच्छा मत करो; वो ईश्वर पर छोड़ दो।
अनवरत लंबे अरसे से सामाजिक सरोकार से जुड़े रहना, समाज एवं देश का एक छोटा सा तिनका बनकर मात्र अपना फर्ज निभाने की बदौलत, पूरे संसार मे शांति , सेवा और समर्पण पर कार्य कर रही यूनिवर्सिटी द्वारा रामनवमी के शुभ दिन पर मुझे Honorary Doctorate की मानन उपाधि से सम्मानित किया गया ।
यह उपाधि , यह सम्मान मेंरे माँ बाप , मेरे गुरु , मेरे परिवार और आप सभी मित्रो के चरणों में समर्पित करता हूँ ।
जय श्री राम
वन्दे मातरम






